पद्मश्री एस दामोदरन ने अपनी समाजसेवा से अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों का जीवन स्तर सुधारा है

दक्षिण भारत में स्वच्छता क्षेत्र में 38 साल की सेवा के लिए 2022 में एस. दामोदरन को पद्मश्री से सम्मानित किया।

कोली टाइम्स डेस्क

तमिलनाडु के समाजसेवी श्रीराम साई दामोदरन (एस दामोदरन) को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके प्रमुख योगदान के लिए 2022 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। तिरुचिरापल्ली शहर के वोरैयूर के धीवारा कोली समुदाय से आने वाले दामोदरन का जन्म 12 मार्च 1962 को हुआ था। वह 'ग्रामालय' नामक सामाजिक संस्था के संस्थापक हैं, जिसकी शुरुआत 1987 में हुई थी। 

ग्रामालय एक भारतीय गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है जिसने तमिलनाडु के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कई सफल अभियान चलाए हैं। दामोदरन के नेतृत्व में ग्रामालय ने ग्रामीण, तटीय और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले 6 लाख से ज्यादा लोगों को घरेलू शौचालय बनवाने में मदद की है। समाज सेवा से जुड़े कार्यों की बदौलत उन्होंने अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों का जीवन स्तर सुधारने में सफलता हासिल की है। 

दामोदरन ने तमिलनाडु में भारत के पहले गांव थानादावमपट्टी को 100% खुले में शौच से मुक्त घोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत की पहली झुग्गी कलमंधई को खुले में शौच से मुक्त क्षेत्र घोषित किया। उन्होंने शहरी झुग्गियों, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों के लिए उपयुक्त बच्चों के अनुकूल शौचालय मॉडल तैयार किए हैं। 

उनकी सलाह से, गार्जियन माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन, दुनिया की पहली एमएफआई को ग्रामालय द्वारा बढ़ावा दिया गया, जो केवल घरेलू जल कनेक्शन और शौचालय निर्माण के लिए ऋण प्रदान कर रही है।

वर्ष 2022 तक ग्रामालय जलशक्ति मंत्रालय के एक स्वीकृत प्रमुख संसाधन केंद्र के रूप में समुदाय के नेतृत्व वाले स्वच्छता कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है, जिसका उद्देश्य खुले में शौच को खत्म करना और इसे सुरक्षित व्यक्तिगत स्वच्छता प्रोटोकॉल और पर्यावरण के अनुकूल शौचालयों से बदलना है। 

ग्रामालय ने 550 सरकारी स्कूलों में लड़कियों के अनुकूल शौचालय परिसरों को बढ़ावा दिया है। पिछले छह वर्षों से ग्रामालय रिसाइकल्ड कपड़े के सैनिटरी नैपकिन को बढ़ावा देकर किशोरियों के बीच मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन में काम कर रहा है। यह छोटे बच्चों में कुपोषण को कम करने पर भी ध्यान दे रहा है।

एस दामोदरन 1980 के दशक से लेकर स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम-2014 तक सभी सरकारी संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रमों में शामिल रहे हैं। उन्होंने साढ़े तीन दशक से अधिक समय तक जल और स्वच्छता क्षेत्र में काम किया है। उन्होंने दक्षिण भारत में रोल मॉडल परियोजनाएं बनाईं और बाद में 100 से अधिक गैर सरकारी संगठनों को प्रशिक्षित करके विभिन्न राज्यों में अपना विस्तार किया। 

2010 में ग्रामालय को राष्ट्रीय शहरी जल पुरस्कार और 2017 में सफाईगीरी पुरस्कारों के तहत टॉयलेट टाइटन पुरस्कार दिया गया। भारत सरकार ने दक्षिण भारत में स्वच्छता क्षेत्र में उनकी 38 साल की सेवा के लिए 2022 में एस. दामोदरन को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।