विधायक अजय महावर ने हाल ही में दिल्ली विधानसभा में गेस्ट टीचर्स का मुद्दा उठाया था। |
दिल्ली। राजधानी दिल्ली की घोंडा विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए अजय महावर के सम्मान में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में आयोजित इस कार्यक्रम में विधायक अजय महावर का अभिनंदन करते हुए उन्हें पुष्पमाला एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
वक्ताओं ने कहा कि विधायक महावर न केवल जनसेवा और क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अजय महावर के नेतृत्व में घोंडा विधानसभा में विकास कार्यों की एक नई लहर देखी गई है। उनके प्रयासों से क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं का सुधार हुआ है, जिससे नागरिकों के जीवनस्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने विधायक के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उनके जनहितकारी कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि घोंडा विधानसभा का निरंतर विकास उनकी दूरदृष्टि और निष्ठा का परिणाम है। कार्यक्रम में शिक्षा, समाज सेवा और राजनीति से जुड़े अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
बीजेपी विधायक अजय महावर ने हाल ही में दिल्ली विधानसभा में गेस्ट टीचर्स का मुद्दा उठाया था। उनका कहना था कि पिछले आठ सालों से गेस्ट टीचर्स के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिससे उनके लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है। यह स्थिति सिर्फ गेस्ट टीचर्स के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों की शिक्षा के लिए भी नुकसानदायक है। जब शिक्षक मानसिक तनाव में होंगे, तो वे बच्चों को अच्छी शिक्षा कैसे देंगे? उन्होंने सरकार से मांग की कि गेस्ट टीचर्स को स्थायी नौकरी दी जाए या कम से कम उनके वेतन और सुविधाओं में सुधार किया जाए।
विधायक ने कहा कि गेस्ट टीचर्स को न तो स्थायी नौकरी का भरोसा है और न ही पर्याप्त वेतन सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि गेस्ट टीचर्स की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
महावर ने कहा कि गेस्ट टीचर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन उनकी नौकरी हर साल खतरे में रहती है। उन्हें न कोई सरकारी लाभ मिलता है और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं। अगर वे बीमार होकर छुट्टी लेते हैं, तो उनका वेतन काट लिया जाता है। यही नहीं गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में भी उन्हें कोई वेतन नहीं दिया जाता, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाती है।