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| जबलपुर में गैर ब्राह्मण होने के कारण जातिवादियों ने देविका किशोरी को कथा करने से रोका। |
जबलपुर। अनुसूचित जाति और ओबीसी समाज के लोगों को ब्राह्मण बनने का बहुत शौक है। इसके लिए वह धार्मिक पाखंड से जुड़े सभी क्रियाकलापों को अपनाने की कोशिश करते हैं, जिससे उन्हें असली वाला हिंदू मान लिया जाए, लेकिन समय-समय पर खुद को श्रेष्ठ बताने वाले ब्राह्मण एससी-ओबीसी के लोगों को उनकी 'हैसियत' याद दिला ही देते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर में सामने आया है।
जबलपुर के पनागर थाना क्षेत्र के रैपुरा गांव में पटेल (कुर्मी) जाति से आने वाली कथावाचक देविका किशोरी उर्फ देविका पटेल को श्रीमद् भागवत कथा करने से रोक दिया गया। उनका विरोध करने वालों का कहना था कि सिर्फ ब्राह्मण की भागवत कथा करने के अधिकारी हैं। देविका किशोरी की कथा 24 फरवरी 2025 से शुरू होने वाली थी, लेकिन उन्हें जातिगत टिप्पणियां करते हुए धमकाया और अपमानित किया गया। हालांकि बाद में पुलिस सुरक्षा के बीच उनकी कथा शुरू करवा दी गई।
देविका किशोरी के मुताबिक उनके और परिवार के साथ अभद्रता की गई और उन्हें जान से मारने की भी धमकी दी गई. मामला सामने आने के बाद रविवार को ओबीसी, एससी, एसटी महासभा, कुर्मी क्षत्रिय समाज और भीम आर्मी ने थाने का घेराव कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को ज्ञापन सौंपा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
मध्य प्रदेश के छतरपुर कथावाचक देविका किशोरी पटेल के समर्थन में ओबीसी महासभा कुर्मी क्षत्रिय महासभा और ओबीसी एससी एसटी संगठनों ने कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सोपा।। pic.twitter.com/m9w3vhNjHZ
— Uma Shankar Patel (@OBCUMASHANKAR) February 27, 2025
इस मामले में अखिल भारतीय ओबीसी महासंघ और कुर्मी समाज ने घटना पर विरोध जताते हुए पनागर थाने में खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रकुमार पटेल ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव का प्रतीक है और इसे खत्म करने की जरूरत है।
पनागर थाना प्रभारी अजय सिंह के मुताबिक पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। देविका किशोरी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की है।
गैर ब्राह्मण कथावाचन नहीं कर सकता। जबलपुर में लोगों ने कुर्मी पटेल जाति की कथावाचक देविका किशोरी को कथा करने से रोका।
— THE KOLI TIMES (@Thekolitimes) February 27, 2025
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इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें स्थानीय लोग देविका किशोरी को उनकी जाति और महिला होने के कारण कथा करने से रोकने की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में यह भी कहा जा रहा है कि अगर देविका किशोरी किसी ब्राह्मण से शादी कर लेती हैं तो ही उन्हें कथा करने की इजाजत दी जाएगी। वीडियो इस बात का सबूत है कि देश में जातिगत भेदभाव, ऊंच-नीच अब भी पहले की तरह ही बरकरार है। धार्मिक कार्यों में अब भी जातिगत भेदभाव कायम है और कुछ लोग उसे और बढ़ावा दे रहे हैं।
देविका किशोरी की दलील है कि किसी वेद पुराणों में नहीं लिखा कि ब्राह्मण ही कथा कर सकते हैं। दूसरी बात देश में हिंदुत्व की बात की जा रही है। कहा जा रहा है कि ‘बंटोगे तो कटोगे’, लेकिन जो लोग सनातन की बात करते हैं, वही लोग लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं। दीपिका किशोरी ने कहा कि वह गीदड़ भभकियों से डरने वाली नहीं हैं। वह सनातन का ध्वज लेकर निकली हैं। धर्म प्रचार कर जन-जन तक उसे पहुंचाने का काम कर रही हैं।
वहीं संपूर्ण ब्राह्मण मंच के अध्यक्ष राम दुबे ने कहा कि परंपरागत रूप से महिलाओं को व्यास पीठ पर बैठकर कथा करने का अधिकार नहीं है, लेकिन वर्तमान समय में कई महिला कथावाचक यह कार्य कर रही हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ब्राह्मण समाज जातिगत टिप्पणी कर किसी को कथा करने से रोकने वालों से स्वयं को अलग करता है।
